...

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बसे हो हममें ही कहीं
है इश्क़ मुझे तुमसे ही कहीं,
रब दिखता है तुममे ही कहीं,
बसा लो मुझे दिल में अपने,
तुम भी बसे हो हममें ही कहीं।

जो सपना देखा तुमने कल,
हम भी तो खड़े थे वहीं,
आईना मोहब्बत का देखो ज़रा,
राजकुमार सपनों का मैं हूँ वही।

यकीन करते हो मुझ पर ही,
दूर दूर तक कोई अपना सा नही
लगा लो गले से मुझको,
यकीं हो हकीकत है सपना सा नहीं।

गूंजती है आवाज तेरी धड़कन में,
मीठी बाँसुरी की धुन मैं हु वही,
लगा ले हो होंठो से अपने,
बाँसुरी संग राधा की प्रीत वही।

मन कोमल निर्मल तेरा,
मैं पाक दामन ही सही,
तू सर्वप्रिय हो मेरी,
मैं तेरा प्राण प्रिये वही।

चिर जीवन का सार प्रेम,
समर्पण को अर्पित पुष्प वही,
लोक लज्जा के बंधन में बंध मुझसे,
तेरा प्रियतम मैं अनमोल वही।

है इश्क़ मुझे तुमसे ही कहीं,
रब दिखता है तुममे ही कहीं,
बसा लो मुझे दिल में अपने,
तुम भी बसे हो हममें ही कहीं।
© RamKumarSingh(Ramya)