...

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Tum mein meri khushi
बड़ी शिद्दत से पिरोया है
तुझको खुद में...

कि अब लफ्ज़ों मे नहीं..
लहज़ों में हो तुम ।।

मेरी बस एक चाहत थी,
जो अब हक़ीक़त बन गई है ।।

होठों की वो दबी हुई
हसी भी खिल गई है ।।

तुमसे मिलकर मुझे
दुनिया की सारी खुशियां जो मिल गई है❤️
Dil ke Alfaaz