ख़ुदा बदलते लोग
ख़ुदा बदलते रह गये इश्क़ में कितने लोग
हिज़्र-ए-ग़म में बह गये जाने कितने लोग
नाकामी, बेबसी, ज़िल्लतें, अपनों के ग़म
जाने क्या क्या सह गये जाने कितने लोग
सज़दे, दुआएं प्यार में हो...
हिज़्र-ए-ग़म में बह गये जाने कितने लोग
नाकामी, बेबसी, ज़िल्लतें, अपनों के ग़म
जाने क्या क्या सह गये जाने कितने लोग
सज़दे, दुआएं प्यार में हो...