एक झलक, एक मुस्कान के लिए...???
हम लड़के ! हमेशा खड़े ही रह गए
खड़े रहना हमारी मजबूरी नहीं रही बस !
हमें कहा गया हर बार,
तुम तो लड़के हो खड़े हो जाओ।
छोटी-छोटी बातों पर वे खड़े रहे ,
कक्षा के बाहर.. स्कूल विदाई पर
जब ली गई ग्रुप फोटो,
लड़कियाँ हमेशा आगे बैठीं, और
लड़के बगल में हाथ दिए पीछे खड़े रहे
वे तस्वीरों में आज तक खड़े हैं।
कॉलेज के बाहर खड़े होकर,
करते रहे किसी लड़की का इंतज़ार,
या किसी घर के बाहर घंटों खड़े रहे,
एक झलक, एक हाँ के लिए
अपने आपको आधा छोड़ वे आज भी
वहीं रह गए हैं...
...
खड़े रहना हमारी मजबूरी नहीं रही बस !
हमें कहा गया हर बार,
तुम तो लड़के हो खड़े हो जाओ।
छोटी-छोटी बातों पर वे खड़े रहे ,
कक्षा के बाहर.. स्कूल विदाई पर
जब ली गई ग्रुप फोटो,
लड़कियाँ हमेशा आगे बैठीं, और
लड़के बगल में हाथ दिए पीछे खड़े रहे
वे तस्वीरों में आज तक खड़े हैं।
कॉलेज के बाहर खड़े होकर,
करते रहे किसी लड़की का इंतज़ार,
या किसी घर के बाहर घंटों खड़े रहे,
एक झलक, एक हाँ के लिए
अपने आपको आधा छोड़ वे आज भी
वहीं रह गए हैं...
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