" गजल - मेरी सांसों में "
मेरी सांसों में अपनी प्रेम कहानी लिख दो
फिर वही रात मुझे रात की रानी लिख दो
मैं हूं वो नगमा जिसे छुलो प्यार से अगर
अपने हाथों से मेरी शाम सुहानी लिख दो
जतन कितने किये तुमको मनाने के लिए
अगर मानो तो मेरी बात पुरानी लिख दो
बड़ा अजीब है दिलदार प्यार का आलम
मेरी आंखों में फिर प्यार का पानी लिख दो
प्यास बुझती नही तुमको देखे बिना
वस्ल की रात है फिर एक निशानी लिख दो
पता नही मिलेंगे अब जो बिछुड़ेगे सनम
मेरे भाग्य में अपनी मस्त जवानी लिख दो
फिर वही रात मुझे रात की रानी लिख दो
मैं हूं वो नगमा जिसे छुलो प्यार से अगर
अपने हाथों से मेरी शाम सुहानी लिख दो
जतन कितने किये तुमको मनाने के लिए
अगर मानो तो मेरी बात पुरानी लिख दो
बड़ा अजीब है दिलदार प्यार का आलम
मेरी आंखों में फिर प्यार का पानी लिख दो
प्यास बुझती नही तुमको देखे बिना
वस्ल की रात है फिर एक निशानी लिख दो
पता नही मिलेंगे अब जो बिछुड़ेगे सनम
मेरे भाग्य में अपनी मस्त जवानी लिख दो
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