...

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देहाती नुक्कड़ (हास्य व्यंग)...😁😁✍️✍️
भैंस लेवे गये और पडिया बनि गई
दामुउ खच्चु न भओ बढ़िया बनि गई

कुदरत की लीलाए या कछु है और
बाजरा के पेड़ पै अडिया बनि गई

मैंने मना करी वा मिस्री कौ नय बुला
घरु बनाय रई झुपडिया बनि गई

यार मेरो एक चित्तर बनाय दे आकै
गले से नीचे रह गओ खुपडिया बनि गई

जी कुम्हारु बिन्तै बतिला रओ
दीवाला बना रओ और हंडिया बनि गई

और खाय लै बेर पेड पै चढि कै
नीचै गिरि कै लंगडिया बनि गई

हम तौ खरीद कै लाये एकु बैलगाड़ी
घरि तकि आतई आत तंगडिया बनि गई

मैदान में खड़े हैके शेर भोतु बनि रओ
हमकु देखिकै अब लुखडिया बनि गई

ऐरी जामै तै काय कू काटि रईए घासु
मति चिल्लाऔ अब तो गठरिया बनि गई

बन्दर ने एक औरत कौ चूमि लओ
मेकअप इतनो खराब करो बंदरिया बनि गई

जी लोहो मैंने सब जगै बेच लओ नय बिको
चलौ अच्छोए एक तो खुरपिया बनि गई



© Shaayar Satya