प्रकृति से हम
© Nand Gopal Agnihotri
# प्रकृति प्रार्थना
श्रृंगार करें पहले उसका, जिससे श्रृंगार हमारा है ।
हे सश्यश्यामला मातृभूमि, करते हम नमन तुम्हरा हैं ।।
हरियाली है तेरा श्रृंगार, तेरी गर्भ में है सम्पदा अपार ।।
झर झर झरने पर्वत से धार, बजते जैसे वीणा के तार ।।
कल कल...