...

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शायरी
तुम्हारीं चुप्पीं भी अनकहें सें
​अफसानों की दास्तानें सुना देतीं हैं
​गलतीं सें भीं कभीं ना सुन पाऊँ उसें
​मेरीं कविताएँ भी कहा पुरीं हो पातीं हैं...

​ शोभा मानवटकर...