कलम दहाड़ती है
मेरी कलम बोलती ही नहीं,दहाड़ती भी है
सही को साथ ग़लत को ताड़ती भी है
इस कलम की ताकत आईने में तोलके देखो
यह वज़न में हल्की शब्दों की बारी बाल्टी है
-जितेन्द्र कुमार "सरकार"
सही को साथ ग़लत को ताड़ती भी है
इस कलम की ताकत आईने में तोलके देखो
यह वज़न में हल्की शब्दों की बारी बाल्टी है
-जितेन्द्र कुमार "सरकार"
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