जिस दिन सादगी श्रृंगार हो जाएगी
जिस दिन सादगी श्रृंगार हो जाएगी
उस दिन आइने की हार हो जाएगी
शबनमी बूंदे फिर पड़ेंगी चांद पर।
निहारिका फिर से बहार हो जाएगी
ज़र्रे जर्रे में होगी चमक रौशनी की
अंधेरे...
उस दिन आइने की हार हो जाएगी
शबनमी बूंदे फिर पड़ेंगी चांद पर।
निहारिका फिर से बहार हो जाएगी
ज़र्रे जर्रे में होगी चमक रौशनी की
अंधेरे...