मैं और मेरे रिश्ते😊
काश कि कोई जगह ही नहीं होती किसी माप-तोल की हमारे इन रिश्तों में,
और ये बिल्कुल पाक-सी होती....
जैसे कि जम-जम का पानी हो ये
हाँ, इतना साफ़ होता ऐ काश हमारा हर रिश्ता कि
जैसे अभी-अभी तो नींद आई ही थी, और ख्वाबों में बिल्कुल हंसती-खेलती,
चहचहाती खिलखिलाती-सी परियों की
कोई कहानी हो ये
हाँ, काश इतना पाक होता हमारा हर बंधन
जैसे हरिद्वार की...
और ये बिल्कुल पाक-सी होती....
जैसे कि जम-जम का पानी हो ये
हाँ, इतना साफ़ होता ऐ काश हमारा हर रिश्ता कि
जैसे अभी-अभी तो नींद आई ही थी, और ख्वाबों में बिल्कुल हंसती-खेलती,
चहचहाती खिलखिलाती-सी परियों की
कोई कहानी हो ये
हाँ, काश इतना पाक होता हमारा हर बंधन
जैसे हरिद्वार की...