साथिया.....
कदमों में छिपी थी जो तुम्हारी आहट,
वो आज सवेरे में सुन बैठा .....
तेरे चेहरे की मुस्कान देख,आज फिर मेरा चेहरा खिल उठा.....
तु वो हीरा है जिसे जौहरी परख न सका
इतना सुन्दर नगीना...
वो आज सवेरे में सुन बैठा .....
तेरे चेहरे की मुस्कान देख,आज फिर मेरा चेहरा खिल उठा.....
तु वो हीरा है जिसे जौहरी परख न सका
इतना सुन्दर नगीना...