बारिश
अबकी बारिश बड़ी गहरी थी
जो कच्चे थे, वो सारे रंग उतर गए
कुछ एक मुसाफिर का भ्रम टूटा
कुछ को बड़ा बुरा लगा सच से मिलकरके
सो हुआ यूं, की सालों बाद
कुछ बंजारे, लौट के घर गए
अबकी बारिश बड़ी गहरी थी
जो कच्चे थे, वो सारे रंग...
जो कच्चे थे, वो सारे रंग उतर गए
कुछ एक मुसाफिर का भ्रम टूटा
कुछ को बड़ा बुरा लगा सच से मिलकरके
सो हुआ यूं, की सालों बाद
कुछ बंजारे, लौट के घर गए
अबकी बारिश बड़ी गहरी थी
जो कच्चे थे, वो सारे रंग...