लबों पर हंसी और आँखों में नमी लिए फिरता है
लबों पर हंसी और आँखों में नमी लिए फिरता है ,
हर सख्श आज चेहरे पर चेहरा लिए फिरता है !
कोई नहीं समझेगा उसे इसीलिए होठों को सिये रहता है,
अकेले में अपने आंशुओं को पोछते...
हर सख्श आज चेहरे पर चेहरा लिए फिरता है !
कोई नहीं समझेगा उसे इसीलिए होठों को सिये रहता है,
अकेले में अपने आंशुओं को पोछते...