...

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नेता (व्यंग)
ठोक ठोक बजा बजा कर
मतदान का हक बजाया मैं था ।
अप्पू, गप्पू, पप्पू, टप्पू, जाने
कैसे कैसे चुन लाया था ??

बड़ी बड़ीसी दिखाई उम्मीदे,
पर ढर्रा वही अपनाया था,
नेता नेता कहते कहते
जाने क्या क्या ले जाता था !!
©®@Devideep3612
हम सपनों में सोते थे रहते,
वो सपनों को भी लूटता था,
सालों साल बाद उन्हें ही देखना
हमको सहना पड़ता था !!

सपने वैसे थे तो सुहाने
हांथ न कुछ पर आता था...
बहुत सुहाने ढोल थे दुर के..
वो अधिक दूरीपे ही भाता था..!!
©®@Devideep3612
फिर आया जलजला अचानक
जैसे कोहराम छाया था,
ले जाने नहीं, देने को ही...,
कोई नेता आया था ।

पागल है या अनपढ़ है वो ??
ये, नेता न हमको भाया था !
लेता है नेता, देता नहीं..!!!
शायद इसको नही सिखाया था ।
©®@Devideep3612
बहुत रोका टोका उसको
फिर भी वो नहीं माना था,
केवल, नेतोंका ही, देश होता है,
हमने तो...