इंतज़ार
इंतज़ार का मज़ा ही कुछ निराला था
सारी भूख आँखों में उतर आयी थी
हलक से उतरा न कोई...
सारी भूख आँखों में उतर आयी थी
हलक से उतरा न कोई...