...

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रात्रि
रात्रि वह नहीं जो दिन का अंत हो,
रात्रि तो वह है जो अगले दिन की शुरुआत है।

रात्रि वह नहीं जिससे सभी राज़ छुपे हो,
रात्रि तो वह है जिसे सब के राज़ पता है।

रात्रि वह है जो चोर को सोने न दे,
और मेहनती को जागने न दे।

रात्रि सबकी दुविधा हर लेती है,
और सबको अपने आंचल में सुला देती है।।

ऐ रात्रि तू महान है!!!

शुभ रात्रि
© Samayank Goel