भीगता सा मन
आज भी है वही मौसम,
आज भी सावन है,
आज भी है भीगा सा मन
आज फिर से भीगता तन है
ओस भी घुल गयी,
अलसुबह बारिशों में,
शब की नम हसरतें
"अज़ीज़" शबनम हैं
सुखद स्मरण के साथ, एक बेहतर दिन की शुभकामनाऐं🌸
अज़ीज़निखिल
© All Rights Reserved
आज भी सावन है,
आज भी है भीगा सा मन
आज फिर से भीगता तन है
ओस भी घुल गयी,
अलसुबह बारिशों में,
शब की नम हसरतें
"अज़ीज़" शबनम हैं
सुखद स्मरण के साथ, एक बेहतर दिन की शुभकामनाऐं🌸
अज़ीज़निखिल
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