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जब बरसातें होती हैंतो सूखे दिल भी हरे हो जाते हैं💞
बारिश के पानी में कार्बन डाई ऑक्साइड की वजह से h2co3 एसिड होता है जो आयोनाइज़ होकर H एवं hco3 फॉर्म में रहता है. यह आयन विद्युत के कंडक्टर्स होते हैं. शुद्ध जल यद्यपि विद्युत का कंडक्टर नहीं होता, बारिश का जल विद्युत का कंडक्टर होता है.

यह जल प्रेमिका के बदन पर जब गिरता है तो उसके तन बदन को छूने से जो करंट लगती है वह करंट इसी जल के द्वारा बादल तक पहुँचती है. नुक्कड़ के दूसरे कोने पर खड़े प्रेमी पर जब यह जल गिरता है तो यही विद्युत के करंट की सिहरन
या उस अहसास को💓
वह महसूस करता है,
प्रेमिका के हाथ को छू कर जो एहसास होता है वही बारिश के जल में भीग कर होता है.

इसी लिए अनादि काल से सभी कवि लेखक गीतकार बारिश के मौसम को रोमांटिक मानते आए हैं,,
वह साइंस के स्टूडेंट नहीं थे तो उन्हें इसकी वैज्ञानिक व्याख्या नहीं मालूम थी. 🙏🏻

नोट: अब ये मत पूछना कि अगर यह जल विद्युत का कंडक्टर होता है तो बादल में जो बिजली गरजती है उस बिजली का करंट पानी में भीगते वक्त क्यों नही लगता,?🥰

इसीलिए
जब बरसातें होती हैं
तो सूखे दिल भी
हरे हो जाते हैं🌿☘️☘️🌹

बस यू ही,,,
⛈️ बरसती सुबह का अहसास 💓💞🌟☘️✨️🌹
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