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यह युद्घ है हमारा👩‍🚀
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ये युद्घ हैं हमारा,,
ना काल-चक्र से डरे हम,
विजयघोष की शंखनाद हो, यही मनोकामना हमारा,,
मात्र तनिक, भाव- विभोर हृदय हुआ हमारा,,
नदियों के मधुर गीतों ने,
पंक्षियो के मनभावन सी गुंजार ने।
मानो भाव रस जलपान कराया,
तृप्त हुआ ह्रदय हमारा,,
विजयअमृत में डूबा मस्तिष्क हमारा,,
जलमग्न नयनों से बिन सावन बरसात हुये,
नदियों की धारा उच्च भये,
सागर की लहरों ने वेग धरे,
करूणामय हृदय भये,
मन्द मुस्कित पुष्प खिले।
विजयघोष के शंखनाद हो,
यही मनोकामना हमारा।

Thank you🙏🙏
© love