हम भी हैं सफर पर....
" सुबह हुई सूर्य देव की जय ...
मेरे इस सफर को सफल करना देव"
यूं बोला आर्मी कवर वाला सूटकेस
निकाल के साफ किया था अंकल ने जिसे
बेटे के पास जाने को, ना था धूल का ट्रेस...
मूंदी आंख से बोला, नज़दीक पड़ा ब्लू बैग
चुप बैठो सोने दो, ऐसी कैसी कुटेव
सुबह की नींद का हमे भी लुत्फ उठाने दो
आफ्टर ऑल, हम भी हैं सफर पे...
वाह क्या बोगी है... बोला पास पड़ा थैला
ए सी, टेबल, कुशन, फुट रेस्ट सब है
ऐसा सफर किया ही मैंने कब है
मैं तो मंडी ही...
मेरे इस सफर को सफल करना देव"
यूं बोला आर्मी कवर वाला सूटकेस
निकाल के साफ किया था अंकल ने जिसे
बेटे के पास जाने को, ना था धूल का ट्रेस...
मूंदी आंख से बोला, नज़दीक पड़ा ब्लू बैग
चुप बैठो सोने दो, ऐसी कैसी कुटेव
सुबह की नींद का हमे भी लुत्फ उठाने दो
आफ्टर ऑल, हम भी हैं सफर पे...
वाह क्या बोगी है... बोला पास पड़ा थैला
ए सी, टेबल, कुशन, फुट रेस्ट सब है
ऐसा सफर किया ही मैंने कब है
मैं तो मंडी ही...