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ऐसा काश कहीं होता
ऐ ऐसा काश! कहीं होता ।
तू होती जहां मैं वही होता ।।
मेरा होना है तेरे होने से ।
तू नहीं होती मैं नहीं होता।
इतना भी हंसी कोई होता है ।
आंखों को नहीं यकीं होता ।।
बाहों में तू ऐ नाजनीं होता ।
मेरे लबों पे तेरा जबीं होता ।।
हमारे साथ हो चुका है जो।
काश! ऐसा कभी नहीं होता ।।
गिला करते नहीं जो किस्मत में।
एक लम्हा भी गर हसीं होता।।
© राम अवतार "राम"
तू होती जहां मैं वही होता ।।
मेरा होना है तेरे होने से ।
तू नहीं होती मैं नहीं होता।
इतना भी हंसी कोई होता है ।
आंखों को नहीं यकीं होता ।।
बाहों में तू ऐ नाजनीं होता ।
मेरे लबों पे तेरा जबीं होता ।।
हमारे साथ हो चुका है जो।
काश! ऐसा कभी नहीं होता ।।
गिला करते नहीं जो किस्मत में।
एक लम्हा भी गर हसीं होता।।
© राम अवतार "राम"
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