आँखे कितना कुछ झेलती है
कभी ख्वाब को हक़ीक़त बनते
तो कभी उन्हें टूटते हुए देखती है आँखे
कभी ख़ुशी तो कभी गम हर हालत
को झेलती है आँखे
खुशी में भी छलक...
तो कभी उन्हें टूटते हुए देखती है आँखे
कभी ख़ुशी तो कभी गम हर हालत
को झेलती है आँखे
खुशी में भी छलक...