...

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कभी तो मिले प्यार जिन्दगी में
ढूँढ रहा हूँ कोई मिले अपना इस बेज़ार जिन्दगी में
थोड़ा ही सही कभी तो मिले प्यार जिन्दगी में

क्यूँ खुदा को मेरी इबादत क़बूल नहीं
क्यूँ मिलता है हर घड़ी तिरस्कार जिन्दगी मे

चल कर आएगी क्या कभी खुशियाँ मेरे दर पर
या यूँ ही रहेगा ये दिल बेक़रार जिन्दगी मे

क्या होगा कुछ नया या मिलेगा फिर वहीं
जैसा होता रहा है मेरे साथ हर बार जिन्दगी मे

रास्तो की ठोकरों से परेशान नहीं हूँ में
कभी तो हो ये खत्म इन्तज़ार जिन्दगी मे