!! वो पल फिर से आए !!
तेरी साँसों की सरगोशियों से
होती थी सुबह मेरी
काश वो पल फिर से आये
धूमिल धूमिल सी दोपहर
तेरे स्पर्श से हो जाती रोशन
काश वो पल फिर से आये
एक उदास शाम में
तू मेरी मुस्कान का सबब बने
काश वो पल फिर से आये
तेरे मज़बूत बाहुपाश में
सुकून से सोती थी रातें मेरी
काश वो पल फिर से आये
😊❤️
_ ऋषिकेश तिवारी
होती थी सुबह मेरी
काश वो पल फिर से आये
धूमिल धूमिल सी दोपहर
तेरे स्पर्श से हो जाती रोशन
काश वो पल फिर से आये
एक उदास शाम में
तू मेरी मुस्कान का सबब बने
काश वो पल फिर से आये
तेरे मज़बूत बाहुपाश में
सुकून से सोती थी रातें मेरी
काश वो पल फिर से आये
😊❤️
_ ऋषिकेश तिवारी