जज्बात
दिल में है तू जुबां पर तेरा जिक्र है
पास है तू फिर भी तुझे खोने का कैसा यह डर है
मेरी हर धड़कन हर खयाल में तू है
दिल के हर एक जज्बात में तू है
ऐसी नहीं थी मैं जैसी हो गई हूं
मानो जैसे तुझ में ही खो गई हूं
तुम्हारे करीब आके...
पास है तू फिर भी तुझे खोने का कैसा यह डर है
मेरी हर धड़कन हर खयाल में तू है
दिल के हर एक जज्बात में तू है
ऐसी नहीं थी मैं जैसी हो गई हूं
मानो जैसे तुझ में ही खो गई हूं
तुम्हारे करीब आके...