...

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आजाद बचपन

बहुत कुछ खो जाता है,
वक़्त के साथ,
जैसे, बचपन खो गया
बड़ती उम्र के साथ,
बचपन में सोचते थे की जवानी में आजाद होंगे हम
अब जो जवान हुए सो सोचते है और अब कितना परेशान होंगे हम
सच कहो,
तुम भी तलाशते हो ना सूकून हर जगह हर पल वहीं बचपन वाला मैं बताता हूं तुम्हें वह जगह जहाँ मिलेगा सूकून वहीं बचपन वाला, मान कर देखो मेरी बात
रख कर देखो सिर माँ की गोद में एक बार
यक़ीनन तुम्हें उस ममता भरे पल में सूकून का एहसास होगा, और ना मिले तो जरूर तुम्हारे मन मे अभी भी कोई और सवाल होगा.. एक बार कह के देख लेना माँ को उसका भी उसके पास जवाब होगा,
अब तो तुम्हें जरूर ही सूकून मिला होगा और वहीं बचपन वाला प्यार माँ की आँख मे दिखा होगा,
अब कहोगे खुशी से तुम ख़ुदी से हाँ बचपन ही आजाद था माँ की ममता भरी गोद और दुलार था,
पापा का मस्ती के लिए कंधा था, भाई के साथ मर पीट वाले लम्हे थे,
बहन का प्यार था,
दोस्तों के साथ मीठी सी नोक-झोंक थी,
हाँ सहाब... सच कहता हूं में मानों मेरी बात, बचपन ही आजाद था.... बचपन ही आजाद था।।
© 🄷 𝓭𝓪𝓵𝓼𝓪𝓷𝓲𝔂𝓪