खुशी छीनकर क्या संसार देता है
खुशी छीनकर
क्या संसार देता है
कोई ऐसा भी क्या
प्यार देता है
दाहिने हाथ से देकर बाए हाथ से छीन ले
कौन दुख भरा संसार देता है
शरण में रहने वाले को भी क्या
कोई धिधकार देता है
जान से भी ज्यादा चाहने वाले को
कौन ठोकर मार देता है
ऐ रब किसे कोसूं
क्यों ऐसा किसीको यार देता है
गगन की आयामों को छीनकर क्या सत्कार देता है
अंधेरी कोठली में डालकर
कौन मुक्ति का संसार देता है
हंसना भूल जाए
कौन...
क्या संसार देता है
कोई ऐसा भी क्या
प्यार देता है
दाहिने हाथ से देकर बाए हाथ से छीन ले
कौन दुख भरा संसार देता है
शरण में रहने वाले को भी क्या
कोई धिधकार देता है
जान से भी ज्यादा चाहने वाले को
कौन ठोकर मार देता है
ऐ रब किसे कोसूं
क्यों ऐसा किसीको यार देता है
गगन की आयामों को छीनकर क्या सत्कार देता है
अंधेरी कोठली में डालकर
कौन मुक्ति का संसार देता है
हंसना भूल जाए
कौन...