चांद और फूल
ये चांद तारों की बातें अब मैं नहीं करती
मुझे तो अब,
धरती के भंवरे और फूल सुहावन लगते है।
क्यों करूं जुबान पर जिक्र उन लोगों का...
मुझे तो अब,
धरती के भंवरे और फूल सुहावन लगते है।
क्यों करूं जुबान पर जिक्र उन लोगों का...