लक्ष्य...
अमर तू चल, तेरी मंज़िल है जहाँ,
तेरे पदचिन्ह ही बतलाएंगे,
तू पहुँचा है कहाँ।
काँटों की परवाह न कर,
बिन काँटों के फूल खिलते हैं कहाँ।
जब...
तेरे पदचिन्ह ही बतलाएंगे,
तू पहुँचा है कहाँ।
काँटों की परवाह न कर,
बिन काँटों के फूल खिलते हैं कहाँ।
जब...