...

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देखना मेरे नौजवानों
देखना मेरे नौजवानों, ऐसा एक युग आएगा।
आज कल की बात पर पर्दा गिराया जाएगा।।
जहाँ नहीं होगी कल्पना, बस भ्रम पाल जाएगा ।
अंधकार में अंधा मानव नफरती खड़ग चलाएगा।।

है जिसमें पढ़ने की तमन्ना, वह इतिहास पढ़ने आएगा
जिसको न हो सहना, वह इतिहास सह नहीं पायेगा
मगर सूर्य के तेज को नहीं ढ़क सकता वो,
आज नहीं तो कल फिर उजाला आएगा

देखना तू आज है पर कल तेरा नहीं आएगा
महसूस कर महफूज हो,कल कह नहीं पायेगा
झूठ को चमकाने पोतेंगे दीवार वो
देखना उस एक पल, मेरा साहेब मिटाया जाएगा
© जितेन्द्र कुमार "सरकार "