जब दिल से दिल मिला,तो चला मोहब्बत का सिला।
लाखों के बीच एक तुम ही अच्छे लगे हो,
दिखने में बड़े मगर दिल के सच्चे लगे हो।
मत पूछ कितनी है अहमियत तेरी,
मेरे बनारस से मन में गंगा सी कीमत तेरी।
कोई तो बात होगी मोहब्बत में,
वरना एक लाश के लिए कोई ताजमहल नहीं बनवाता।
प्यार तुमसे सरेआम किया,
प्यार में तुमने हमको बदनाम किया।
मैं तो तुझ पर अपनी जान भी लुटा दूँ,
पर तू मुझसे मेरे जैसी मोहब्बत तो कर।
तुझे एक सपने की तरह सजा कर रखु,
अपने इस दिल में हमेशा छुपा कर रखु।
लोग कहते है क्यों मुस्कुरा रहे...
दिखने में बड़े मगर दिल के सच्चे लगे हो।
मत पूछ कितनी है अहमियत तेरी,
मेरे बनारस से मन में गंगा सी कीमत तेरी।
कोई तो बात होगी मोहब्बत में,
वरना एक लाश के लिए कोई ताजमहल नहीं बनवाता।
प्यार तुमसे सरेआम किया,
प्यार में तुमने हमको बदनाम किया।
मैं तो तुझ पर अपनी जान भी लुटा दूँ,
पर तू मुझसे मेरे जैसी मोहब्बत तो कर।
तुझे एक सपने की तरह सजा कर रखु,
अपने इस दिल में हमेशा छुपा कर रखु।
लोग कहते है क्यों मुस्कुरा रहे...