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मुलाकात
उनसे अभी मिलना शायद मुकद्दर में नहीं, पर एक दफ़ा मुलाक़ात हो जाए ये ख़्वाहिश है हमारी
यूँ तो ख़्वाबों‐ख़्यालों में मिल लिया करते हैं हम, पर उन्हें नज़रों के सामने देखना ये आरज़ू है हमारी
बरसों से तड़प है इस दिल की तुम्हें अपने दिल का हाल बता दूँ
तुमसे हमे मोहब्बत है कितनी ये ख्वाबों में नहीं हक़ीक़त में तुम्हें अपनें नज़रों से पढ़ा दूँ
मोहब्बत है हमें उनसे बेइंतिहा, उनकी चाहत में हम जाँनिसार कर सकते हैं
ग़र मांगले हमसे हमारी जान तो उस जान के लिए हम ख़ुद को क़ुर्बान कर सकते हैं
#WritcoQuote #writcoapp #writco #writer #Writing
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यूँ तो ख़्वाबों‐ख़्यालों में मिल लिया करते हैं हम, पर उन्हें नज़रों के सामने देखना ये आरज़ू है हमारी
बरसों से तड़प है इस दिल की तुम्हें अपने दिल का हाल बता दूँ
तुमसे हमे मोहब्बत है कितनी ये ख्वाबों में नहीं हक़ीक़त में तुम्हें अपनें नज़रों से पढ़ा दूँ
मोहब्बत है हमें उनसे बेइंतिहा, उनकी चाहत में हम जाँनिसार कर सकते हैं
ग़र मांगले हमसे हमारी जान तो उस जान के लिए हम ख़ुद को क़ुर्बान कर सकते हैं
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