...

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बारिश तेरी याद और मै
हम भी नशे मे है मौसम भी सबाब सा है
दिल उनकी याद में है सब कुछ लाजवाब सा है

बुदें छु रही है मेरे तन को,
धडकने तेरी याद में भीगती जा रही है

जिन्दगी कितनी अच्छी थी जब साथ मे थे तुम,
तेरे बिना मेरी कतरा कतरा जान भी जा रही है.

वो बारिशॆं भी मदहोश करती थी,
जब तु मेरी हुआ करती थी,

मुझे लगता था मै भी जिन्दा हूँ,
जब तु मुझे छुआ करती थी,

न अब तु है ना वो पहले जैसी बारिशें हैं
अब लगता ही नहीं जिन्दा हूँ मैं ना पहले जैसी फरमाईसे है
R.k.yadav