क्यूँ
तुम्हे उससे प्यार है उसके जाने पर पता चला क्यूँ?
करनी थी जब ढेर सी बातें तब तुम चुप रहे क्यूँ?
जब उसका साथ चाहिए था तब हाथ छोड़ा क्यूँ?
साथ न दिया तब तुमने अबअकेले पन का दुख क्यूँ?
दिन के ढलने पर व्यर्थ ही प्रकाश की चाहत क्यूँ?
अनजानी राहों पर भटकते हुए घर की याद क्यूँ?
तुमसे मिलन कि घड़ी जल्दी से आती नही क्यूँ
तुम्हे उससे प्यार है उसके जाने पर पता चला क्यूँ?
© BALLAL S २४/५/२०२४
करनी थी जब ढेर सी बातें तब तुम चुप रहे क्यूँ?
जब उसका साथ चाहिए था तब हाथ छोड़ा क्यूँ?
साथ न दिया तब तुमने अबअकेले पन का दुख क्यूँ?
दिन के ढलने पर व्यर्थ ही प्रकाश की चाहत क्यूँ?
अनजानी राहों पर भटकते हुए घर की याद क्यूँ?
तुमसे मिलन कि घड़ी जल्दी से आती नही क्यूँ
तुम्हे उससे प्यार है उसके जाने पर पता चला क्यूँ?
© BALLAL S २४/५/२०२४