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Best Friend की शादी
ये कविता उनके लिए
जिनकी
Best Friend की शादी होने वाली है...



प्रिय सखी कंचन

आज तेरी शादी पर तुझे कुछ किस्से याद दिलाती हूँ
अपनी यारी के महल में तेरी दोबारा सैर कराती हूँ

हम दोस्त कैसे बने कुछ याद है ,
मुझे तो याद नही
आने आप सब होता गया
पीछे मुड़ के फिर देखा नहीं

छोटे से थे हम ,हमारी पहली मुलाक़ात में
उम्र कच्ची थी मगर दोस्ती पक्की हुई थी
तब लगा नही था
हम ऐसे बंध जाएंगे दोस्ती के रिश्ते में

यूँ ही लड़ते -झगड़ते ,खट्टी -मीठी यादों का सफर कितनी जल्दी तय हो गया ना
हम कब एक दूसरे को इतना जानने लगे
पता ही नही चला ना

शुरुआत formal थी
लेकिन अब personl कुछ भी नही रहा
कोई होता है ना
जिसे ज़िंदगी के बारे में सब पता होता है
वो मिला मुझे तुझमे ही

तेरे साथ घूमने का अलग ही मज़ा आता है
तेरी प्लेट से चुरा कर खाने में
कुछ अलग ही स्वाद आता है

चली मैं जब अकेली तुझे अपने साथ पाया
इतना प्यार तुमने लुटाया
कि बिन बोले रिश्ता निभाया

वो कहते है ना जो होता है अच्छे के लिए होता है
इस यारी को देख कर एतबार होता है
क्या खूब मेरा नसीब है

अब तेरी ज़िन्दगी का नया chapter शुरू होने जा रहा है
अविनाश के साथ जन्मों का बंधन बंधने जा रहा है
इस रिश्ते के लिए बहुत- बहुत बधाई

लेकिन ,,,, रात के 12 बजे हो या दोपहर के 4
तुझे परेशान करने का हक़ हमेशा रहेगा
लोग ज़िन्दगी में बहुत मिलते है और मिलते रहेंगे
लेकिन तेरे जैसा दोस्त मुझे कहीं नही मिलेगा !!


© Anu Mathur