...

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तुम ही ..
ना कोई गुलाब था
ना ही कोई उपहार
इश्क तब भी था
इश्क अब भी है
तुमसे ही ,

ना कभी छू सकीं तुमको
ना कभी गले से लगाया
एहसास तब भी थे
एहसास अब भी हैं
तुम्हारे ही,

आँखों ने ना किसी को देखा
दिल ने ना किसी को चाहा
खास तब भी थे
खास अब भी हो
सिर्फ तुम ही,

आँखों में नींद ना तब थी
आंखों में नींद ना अब है
इंतजार तब भी था
इंतजार अब भी है
तुम्हारा ही