...

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"भीड़ में एक चेहरा"
लाखों की भीड़ में
सिर्फ एक चेहरा देखा मैंने,
एक ऐसा चेहरा
जिस पर समय नहीं ठहरता था।

एक हल्की सी मुस्कान
जो गूंजती रही देर तक
जैसे किसी वीरान कमरे में
रौशनी का टुकड़ा गिरा हो।

मैंने सोचा—
शायद यही है मेरी कहानी का वह किरदार
जो हर लम्हे में...