दाम क्या है यहां आदमियों का?
क्या राह खोज के ला सकते हो ऐसी, जिसमें कोई ठोकर नहीं
मिल जाए तो देखना गौर से, उसमें कोई मंजिल भी नहीं
चुन-चुन कर खिलाता है खुदा, फूल अपनी फुलवारी में
धैर्य, हिम्मत, लगन,...
मिल जाए तो देखना गौर से, उसमें कोई मंजिल भी नहीं
चुन-चुन कर खिलाता है खुदा, फूल अपनी फुलवारी में
धैर्य, हिम्मत, लगन,...