...

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उदास। लेकिन क्यु?
अगर इस दुनिया में सिर्फ मैं हूँ,
क्या मैं तब भी इतना उदास होगा?
कई वर्षों के बाद मुझे समझा,
इस लोग है, मेरी असली परेशानी।

डरी हूँ मैं बिल्कुल डरी हूँ,
पता नहीं क्या बात है इतना डरने का।
मुझे नहीं लगता है कि इस ब्रह्मांड में,
मेरी जीवन का कोई कीमत है।

मैं संझाने का कोसशिश किया,
लेकिन मेरा मन नहीं संझाया।
उसको बुरे बातें हमेशा याद है,
लेकिन खुशी की बातें वह जल्दी भूलेगी।

मैं इसको पूछा क्यु तू अनेक
खुशीयों के बीच सिर्फ इस
बुरी बात को लेकर इतना परेशान हो?
इसने मुझे जवाब नहीं दिया।

भगवान को धन्यवाद करना है ना मुझे?
लेकिन मैं उदास होकर गलती कर रहा है।
क्या करू मैं ऐसा हूँ और
बदलना मेरे लिए मुश्किल है।

© Aryananda