...

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जेनरेशन गैप
आज फोन से हाल - चाल होता है
वो घर जाकर खुशियां बांटते थे,
आज लोग बस खुदगर्जी से साथ देते हैं
वो सच में दोस्ती निभाते थे ।
पहले की तरह अब दुनिया में
अब कुछ भी कहां रह गया है,
सब्र और सहनशीलता का बांध
अब सबकी ज़िन्दगी से ढह गया है ।
वो लोग जो पहले होते थे
सबसे उनका एक अलग जुड़ाव होता था,
सब साथ मिलकर रहते थे और
सबका एक पड़ाव होता था ।
पर अब तो हालात कुछ ऐसे हैं
लोग दूर रहना चाहते हैं,
अपने आसपास के लोगों से नहीं बल्कि
दूर बैठे ऑनलाइन फ्रेंड से दिल की बातें कहते हैं ।
यहां ठठाकर हंसना है तो अब
बस मिम्स का सहारा है,
साथ बैठकर खुशियां बांटना
हमारी पीढ़ी को कहा आता है ।
दिख जाते हैं कुछ विज्ञापन
जो परिवार के साथ वक़्त बिताने की बात करते हैं,
पर इन सब सब की क्या जरूरत
अगर हम सीख लें जेनरेशन गैप को पूरा कैसे करते हैं ।
एक पल में ही प्रचलीत होना चाहते हैं लोग अब लोग यहां
और सबको खुद का लोहा मनवाना है,
भले ही ज्ञान इनका शून्य हो
पर सबको झूठा ज्ञान दिखाना है ।
हमको सीखना चाहिए अपने पूर्वजों से
की साथ पल कैसे बिताते हैं,
कैसे जुड़ना है लोगो से
और कैसे हर पल को सुंदर एहसास बनाते हैं ।
पर स्मार्ट फोन के ज़माने में
ये सब मुमकिन कहां हो पाएगा,
एक क्लिक से मेसेज भेजने वाला ये ज़माना
चिट्ठी का इंतज़ार क्या खाक समझ पाएगा ।
पर फिर भी एक कोशिश तो करनी है
इस गैप को भरने की,
सबको करीब लाने की
और साथ मिलकर रहने की ।
सबके साथ खुशियां बाटने की
सबसे दिल की बात करने की,
सबकी बातें सुनने की
करीब सबके रहने की।।
© chhipi__kalam