...

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बिखरते ख्वाब ।
ये जो तेरी बातें हैं, कितनि प्यारी होती हैं,
क्या खबर है तुझे ,
कितनी बार समेटूंगी खुदको ,तू समझेगा ,
एक दिन ,सबर है मुझे....
चाहत है तू, मोहोबत भी ,
मर्ज भी है मेरा,
अब आंसूओ की बजा भी है तू,
दर्द भी है मेरा....
कैसे समझाऊं क्यू बताती हूं तुझे,
साथ हूं , तेरे कड़वाहट के बाद भी,
पर तुझे लगा सताती हूं तुझे....
कभी तो समझ ले मुझे ,
इतनी भी बुरी नहीं हूं,
तरस जाते हैं लोग अपनो केलिए ,
में इतनी तेरे दिल से दूरी नहीं हूं....
दुनिया ठुकरादे मुझे गम नहीं,
तेरे से ही तो उम्मीद रखती हूं,
दिल की बातें बताऊं तुझे लगा,
तो में तो तुझे बेवकूफ लगती हूं...
बस करो अब , नहीं होता हमसे,
इंसान तो हम भी है,
दिल हमारा भी तो दुःख ता है,
हमें हजारों गम भी तो है..
फिर भी साथ है तेरे,चुप हूं,
फिर भी तुझे रास नहीं है,
क्या खो रहा है तू ,
इसका तुझे एहसास नहीं है.....