...

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दोस्ती....
जाएंगे एक दूसरे से जब विदा लेकर हम
वादे करेंगे दोबारा मिलने के हम
मिलते रहेंगे ज़िन्दगी के हर भटके मोड़ पर
जब दिल की आवाज़ एक दूसरे को पुकारेगी
उम्मीदें तो रहेंगी अक्सर साथ बने रहने की
और कोशिशें हमेशा रहेंगी इस मकसद को अंजाम देने की
दस्तूर और कायनात दो शब्द हैं
मन की फिक्र ही एक दूसरे के लिए काफी है। ।

_shalini jain
© shalini jain