...

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कुछ नहीं।
वो जख्म देते रहे,
हम हंसते रहेे,

वो बोलते रहे,
हम सुनते रहे,

उन्होंने वफा की,
और
हम बेवफा कहलाए गए।

हम उन्हें मनाते रहे ,
और
वो कुछ नहीं कहते रहे,

हमने हर कोशिश की,
उन्होंने हर कोशिश नाकाम की,
कहने को तो बहुत छोटा सा शब्द है,
कुछ नहीं।

वो हर बात पर बार-बार,
कुछ नहीं कहते रहे।
और
हम गहराई में उतर न सके,
क्योंकि
वोअपनी बात हमें समझा ही ना सके।

© Dolphin 🐬 (Prachi Goyal)