बदलते पहलू
जुस्तजू जीने की है ,
लेकिन सिसकते देख रहीं हूँ
हवा तो मयस्सर है
मगर मरने की तड़प देख रहीं हूँ
खुली फिजां है चारो तरफ़
मगर एक...
लेकिन सिसकते देख रहीं हूँ
हवा तो मयस्सर है
मगर मरने की तड़प देख रहीं हूँ
खुली फिजां है चारो तरफ़
मगर एक...