योगदान जिंदगी का
चल पड़ी है जिंदगी जिंदगी की खोज में
क्या पता जिंदगी जीने के लिए जिंदगी कब तक हो
स्वयं ही चलना पड़ेगा बंदे तुझको , काया में तेरे प्राण जब तक हो
कल तो कभी आया ही नहीं किसी का
क्या पता आज भी हमारा आज हो न हो
तो...
क्या पता जिंदगी जीने के लिए जिंदगी कब तक हो
स्वयं ही चलना पड़ेगा बंदे तुझको , काया में तेरे प्राण जब तक हो
कल तो कभी आया ही नहीं किसी का
क्या पता आज भी हमारा आज हो न हो
तो...