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दर...
सुना है ,
तुम्हें किताबें पढ़ना काफ़ी पसंद है
कभी ख़ुद को पढ़ा है

सुना है,
तुम्हें घावों में मलहम
लगाना काफ़ी पसंद है
कभी ख़ुद के घावों की ओर देखा है

सुना है,
राम आतें हैं तुम्हारे द्वारें
कभी भीतर का द्वार खुला छोड़ा है

सुना है,
तुम्हें बिखरीं चीजों को समेटने
का काफी शौक है
कभी ख़ुद के जज़्बातों को समेटें है

सुना है,
तुम्हें बचपना काफ़ी भाता है
कभी ख़ुद का बचपना ज़िंदा रखा है

सुना है ,
अपनों के घर में रहते हो
कभी ख़ुद को अपना माना है
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