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वो चांद प्रेम का
#अनमोलप्रियवस्तु
ऐ चांद दूर बहुत हो तुम
फिर भी मेरे दिल के करीब हो
एक इंतजार के बाद होती है
तुमसे बाते
कभी लुका छिपी सा खेल करते हो
कभी पूरी रात जगा देते हो
रूठ जाऊ कभी तो
अपनी रोशनी की चमक से
मना लेते हो
तुमसे ही तो जाना है
ऐ चांद दूरियों में भी
प्रेम बरकार है l
© verma anita
ऐ चांद दूर बहुत हो तुम
फिर भी मेरे दिल के करीब हो
एक इंतजार के बाद होती है
तुमसे बाते
कभी लुका छिपी सा खेल करते हो
कभी पूरी रात जगा देते हो
रूठ जाऊ कभी तो
अपनी रोशनी की चमक से
मना लेते हो
तुमसे ही तो जाना है
ऐ चांद दूरियों में भी
प्रेम बरकार है l
© verma anita
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