...

16 views

Spiritual
तू ना कल थी, ना आज,
ना खयालो मे भी था तेरा आगाज.
अचानक सी तू आयी,
मैंने थाम लिया खाली कागज,
बिना कुछ सोचे कर बैठा मै ये मिजाज.
और क्या इश्क़ पहेली नज़र मे होता है,
जोह सोच के होते है वो होते है 'रिवाज '.
सुन रही है ना तू !
पढ़ रही ना तू !
क्या तुझ तक पोहच रही है मेरी दिल की आवाज?