...

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बुरा ख़्वाब
अंदर ही अंदर एक डर सता रहा है
मर जाऊं कहीं दिल में बार बार यही ख्याल आ रहा है
जरूरत है जब मुझे सभी की साथ की
तब मुझे ये अकेलापन सता रहा है
हैं आस पास सारे लोग
फिर भी बेचैन दिल हावी हो रहा है
बताना चाहूं भी तो किसको बताऊं
मेरे वजह से सभी परेशान जो हैं
होता कुछ ऐसा की सब खत्म होता
ये जो आई है सर पे मेरे तूफानों का अजाब
होता एक सुनहरा सुबह
और टूटता मेरा ये बुरा ख़्वाब।।
© Aaliya